Minimum balance limit fixed : SBI, PNB and HDFC , बैंक ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस लिमिट हुए तय

Minimum balance limit fixed : SBI, PNB and HDFC , बैंक ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस लिमिट हुए तय

SBI, PNB और HDFC बैंक के ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस (न्यूनतम शेष राशि) नियम में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।सबसे पहले, SBI ने 2020 से अपने अधिकतर बचत खातों में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म कर दी है। इसके चलते SBI बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ग्राहक से कोई जुर्माना नहीं लिया जाता है। यह बदलाव विशेषकर कम आय वाले, छात्रों, महिलाओं एवं बुजुर्गों के लिए राहत देने वाला रहा है।

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने भी 15 सितम्बर 2025 से मिनिमम बैलेंस न रखने पर कोई पेनल्टी नहीं वसूलना शुरू किया है। इसका उद्देश्य कम आय वाले परिवारों, किसानों और महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं का बेहतर लाभ पहुँचाना बताया गया है। पूर्व में, PNB के ग्राहकों को न्यूनतम शेष राशि न रखने पर क्षेत्र के अनुसार 400 से 600 रुपये तक जुर्माना देना पड़ता था।

इसी बीच, HDFC बैंक में मिनिमम बैलेंस की आवश्यकता अभी भी लागू है, जो शहरी व मेट्रो क्षेत्रों में 10,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 5,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,500 रुपये निर्धारित है। यदि ग्राहक इस राशि को मेंटेन नहीं करता है तो 600 रुपये तक या बैलेंस की कमी का 6 प्रतिशत तक पेनल्टी लग सकती है, जो कम हो उस हिसाब से वसूली होती है। HDFC बैंक बचत खातों में ब्याज दर लगभग 3% प्रति वर्ष है, जो खाते में रोजाना बैलेंस के आधार पर तिमाही रूप से दी 

Minimum balance limit fixed

इसके अतिरिक्त, देश के कई अन्य बैंक भी मिनिमम बैलेंस फीस न लगाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं, जिससे बैंकिंग ग्राहकों को राहत मिल रही है। परंतु, HDFC जैसे निजी बैंक अभी अपनी फीस नीति कायम रखे हुए हैं।

बैंकों के नियम क्षेत्र, खाते के प्रकार और बैंक की नीति के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। अतः ग्राहकों को अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय शाखा से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करनी चाहिए।

यह बदलाव आम लोगों के लिए बैंकिंग को आसान बनाने, जुर्माने से राहत और ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने की सरकार और बैंकिंग क्षेत्र की पहल का हिस्सा हैं।

इस प्रकार, SBI और PNB जैसे बड़े सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस नियम को अधिकांश खातों पर खत्म कर दिया है, जबकि HDFC बैंक में यह नियम अभी भी लागू है और ग्राहक को सावधानीपूर्वक इस राशि को मेंटेन करना होता है

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