Online Gaming Bill
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन गेमिंग बिल पास होने के बाद पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट रूप से बताया कि इस कानून का उद्देश्य बच्चों और युवाओं की सुरक्षा, समाजिक कल्याण और आर्थिक नुकसान से बचाव है।
बयान का मुख्य सारांश
प्रधानमंत्री ने कहा, गेमिंग खुद बुरी नहीं है, लेकिन जुआ बुरी चीज है। उनका मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर जुए और पैसे की बाजी लगाने वाले गेम्स ने बच्चों, युवाओं और आम परिवारों के लिए गंभीर खतरे पैदा किए हैं। कई मामलों में लोग कर्जदार हो जाते हैं, उनके परिवार तबाह हो जाते हैं और आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आती हैं।
प्रतिबंध के कारण
आर्थिक नुकसान: पीएम मोदी ने उदाहरण देते हुए बताया कि ऑनलाइन गेम्स में पैसे लगाने से कई लोग कर्ज में डूब गए और परिवार टूट गए।
आत्महत्या के मामले: कई केस ऐसे सामने आए हैं, जहां ऑनलाइन जुए/बेटिंग की लत के चलते युवाओं ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
सामाजिक खतरा: यह समस्या परिवारों, खासकर बच्चों और युवा वर्ग को बुरी तरह प्रभावित कर रही थी।
धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग: ऑनलाइन मनी गेम्स में धोखाधड़ी, फाइनेंशियली नुकसान और टैक्स चोरी जैसी समस्याएं सामने आईं, जिससे कानून की जरूरत पड़ी।
युवाओं का भविष्य: प्रधानमंत्री ने कहा, सरकार ने यह बिल देश के युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए पक्का कदम उठाया है. ऑनलाइन गेमिंग को सही दिशा देने, जुए की लत से दूर रखने और क्रिएटिव, एजुकेशनल गेम्स को प्रोत्साहित करने के लिए यह कानून लाया गया है।
Online Gaming Bill
बिल में क्या है?
ई-स्पोर्ट्स, एजुकेशनल और सोशल गेमिंग को प्रोत्साहन: ऐसे गेम्स को बढ़ावा मिलेगा जिनमें क्रिएटिविटी, शिक्षा और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा हो।
रियल मनी गेम्स पर पूरी तरह प्रतिबंध: जहां पैसों की बाजी लगाई जाती है, उन सभी गेम्स पर बैन लगेगा—चाहे वे स्किल बेस्ड हों या चांस बेस्ड।
गेमिंग और जुए की अलग परिभाषा: सभी शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि बच्चों को गेमिंग और जुए के फर्क को समझाएं।
विज्ञापन और फंड ट्रांसफर पर रोक: मनी गेम्स की एडवर्टाइजमेंट पर रोक है, और बैंकों को ऐसे गेम्स के लिए पैसे ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं होगी।
सख्त दंड: उल्लंघन पर जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है।
पीएम मोदी के नजरिए से
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत यदि सही तरीके से आगे बढ़े तो ग्लोबल ऑनलाइन गेमिंग मार्केट में अपना दबदबा बना सकता है—जरूरी है कि युवाओं को सही मार्गदर्शन दिया जाए। बार-बार यह कहा गया कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी के चलते सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया, भले ही इसके रास्ते में बड़ी ताकतें रोड़ा बन रही थीं।
निष्कर्ष
ऑनलाइन गेमिंग बिल का उद्देश्य है—जुए की सामाजिक बुराइयों को रोकना, बच्चों व युवाओं को सुरक्षित रखना, भारत को डिजिटल गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स में आगे ले जाना, और टैक्स चोरी/धोखाधड़ी का सफाया करना